
रायगढ़। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन पूरा देश बापू को याद करता है, और उनके बताए गए सिद्धांतों का अनुसरण करने की कोशिश करता है। और इसी दिन 2 अक्टूबर को आमरण अनशन पर बैठना या कहें इस दिन को चुनना, किसी विडंबना से कम नहीं।
ऐसा ही आज एक मामला सामने आया है। आज 3 अक्टूबर को एनटीपीसी, जिला प्रशासन और राजस्व के तानाशाही के विरोध में किसान सुधरी गुप्ता कलेक्ट्रेट परिसर के सामने अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर बैठा है,
अपको बता दे की विगत 3 वर्षों से कोतरलीया निवासी सुधीर गुप्ता 2 अक्टूबर को अनशन पर बैठते आ रहे है। 2 अक्टूबर 2019 को भी वो अनशन पर बैठे थे हालाकि जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद अनशन से उठे लेकिन फिर भी उनकी समस्या का निराकरण नही हुआ। जिसके बाद फिर से 2 अक्टूबर 2020 को किसान सुधरी गुप्ता कलेक्ट्रेट परिसर के सामने अनशन पर बैठे लेकिन फिर भी उनकी समस्यों का निराकरण अब तक नही हुआ। परेशान किसान सुधरी गुप्ता इस बार फिर 2 अक्टूबर 2021 से अनशन पर बैठे हुए है।
सुधीर गुप्ता ने बताया की जमीन एनटीपीसी तिलाईपाली रायगढ़ ने अधिग्रहण किया था जिसके मुआवजा को लेकर, इन्होंने जिले के सभी उच्च अधिकारी से लेकर स्थानीय नेताओं को तक अपनी पीडा़ बताई, मगर उनका कहना था कि अब तक इन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया। इनका कहना है कि 15 लाख का मुआवजा कम दिया गया है। जबकि जिला प्रशासन ने पूर्व में एक टीम गठित कर जांच उपरांत, उन्हें उचित मुआवजा देने की बात कही थी, इन्हें अब तक उचित मुआवजा नहीं मिला है। आज भी आमरण अनशन पर बैठना पड़ता है।
यह पर आपको ये बताना लाजमी होगा की इस 3 साल की अवधि में कई प्रशासनिक अधिकारी आए और गए । लेकिन नतीजा ढक का तीन पात,
पीड़ित किसान के अनुसार अब यह अनशन आश्वासन पर नही उठेगा, उनकी जायज मांग पूरा होने उपरांत ही यह अनशन उठेगा . अब ये देखना दिलचस्प होगा की जिला प्रशासन क्या कदम उठाएगी।